भीष्म के द्वारा ली गई प्रतिज्ञा क्या थी? (भीष्म प्रतिज्ञा)

भीष्म का वचन था कि वह सदा सत्य और धर्म का पालन करेंगे तथा कभी भी किसी अधर्मी नेता के अधीन नहीं होंगे। वह जीवन में किसी भी समय अपनी सत्ता और धन के लोभ से नहीं हटेंगे। उन्होंने महाभारत युद्ध में भी केवल धर्म की रक्षा के लिए लड़ा था।

भीष्म के द्वारा ली गई प्रतिज्ञा विराटयुद्ध के समय थी। यह संघर्ष महाभारत युद्ध के पूर्व स्थित था। जब अर्जुन और दुर्योधन के बीच युद्ध तैयार हो रहा था, तो भीष्म को समझ में नहीं आ रहा था कि उसे किसकी सेना में युद्ध करना चाहिए।

तब उन्होंने जनमेजय के साम्राज्य को अपना आद्यात्म दिया था और समझाया था कि वह अर्जुन के लिए समर्पित है। इसके साथ ही भीष्म ने स्वयं को आद्यात्मीक रूप में युद्ध करने की प्रतिज्ञा भी ली थी। उनका कहना था कि वह मृत्यु-पश्चात भी जीवित रहेंगे और अत्यंत अदभुत युद्धरत विद्या प्राप्त करेंगे। यह प्रतिज्ञा भीष्म को युद्ध के मध्य में अद्वितीय सामरिक बल प्रदान करने के लिए की गई थी।